आज भारतीय कृषि नवाचार के दौर से गुजर रही है, और इसी कड़ी में ‘हिसार रसीली’ हाइब्रिड गाजर ने किसानों के बीच खास पहचान बना ली है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह हाइब्रिड गाजर न केवल स्वाद में रसीली है बल्कि उच्च उत्पादकता, कम अवधि में परिपक्वता, और जलवायु अनुकूलता के कारण किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।
यह किस्म उन किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है जो कम लागत में अधिक मुनाफा चाहते हैं।
क्या है ‘हिसार रसीली’ हाइब्रिड गाजर ?
- विकासकर्ता संस्था: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार
- प्रकार: हाइब्रिड गाजर
- मुख्य विशेषताएं:
- गाजर की लंबाई: 15–20 सेमी
- मिठास (TSS): 8–10%
- परिपक्वता अवधि: 80–90 दिन
- रंग: चमकीला गहरा नारंगी
- कोर: पतला, रसदार और मीठा
यह गाजर न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसकी लंबी शेल्फ लाइफ, प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्तता, और अत्यधिक पैदावार इसे बाजार में बेहद डिमांडिंग बनाती है।
तकनीकी जानकारी सारणीबद्ध (Quick Table)
तत्व | जानकारी |
---|---|
किस्म | हिसार रसीली (F1 Hybrid) |
संस्थान | हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार |
बीज दर | 5–6 किग्रा/हेक्टेयर |
तैयार होने का समय | 90–100 दिन |
उत्पादन | 300–350 क्विंटल/हेक्टेयर |
रोग प्रतिरोध | उच्च |
बाजार मांग | बहुत अधिक |
खेती का सही तरीका (Step-by-Step Farming Guide)
1. भूमि का चयन और तैयारी
- मिट्टी: दोमट मिट्टी जिसमें अच्छी जल निकासी हो
- pH: 6.0 से 7.5
- भूमि की तैयारी:
- दो बार गहरी जुताई
- जैविक खाद (गोबर या वर्मीकम्पोस्ट) 10–15 टन प्रति एकड़
2. बुआई का समय
- उत्तरी भारत में: अक्टूबर से दिसंबर
- दक्षिण भारत में: जुलाई से जनवरी
3. बीज की मात्रा और विधि
- बीज मात्रा: 4–5 किलोग्राम/एकड़
- बुवाई विधि: कतार से कतार की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 7–10 सेमी
4. सिंचाई और जल प्रबंधन
- पहली सिंचाई बुआई के तुरंत बाद
- इसके बाद प्रत्येक 7–10 दिन के अंतराल पर
- ध्यान रखें: जलभराव से बचें
5. खाद एवं उर्वरक प्रबंधन
- NPK अनुशंसा (एकड़ में):
- नाइट्रोजन: 50–60 किग्रा
- फास्फोरस: 30 किग्रा
- पोटाश: 40 किग्रा
- जैविक विकल्प: नीम की खली, जीवामृत, पंचगव्य
6. कीट एवं रोग प्रबंधन
- सामान्य रोग: झुलसा, लीफ स्पॉट, सफेद मक्खी
- निवारण:
- नीम आधारित जैविक कीटनाशक
- फफूंदनाशक: बाविस्टिन या मैंकोजेब की आवश्यकता अनुसार छिड़काव
7. फसल की कटाई और उपज
- 80–90 दिन में फसल तैयार
- औसत उत्पादन: 250–300 क्विंटल/हेक्टेयर
आर्थिक लाभ और बाजार
विवरण | आंकड़ा (एकड़ के हिसाब से) |
---|---|
लागत (बीज + खाद + श्रम) | ₹15,000–₹18,000 |
उपज (प्रति एकड़) | 80–100 क्विंटल |
बाजार मूल्य (₹/क्विंटल) | ₹800–₹1,200 |
शुद्ध लाभ | ₹60,000–₹90,000 |
इस गाजर की मांग मिठास और रंग के कारण जूस फैक्ट्री, प्रोसेसिंग यूनिट और एक्सपोर्ट बाजार में अधिक है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और शोध
- हिसार रसीली की ब्रीडिंग: पारंपरिक देशी किस्मों और विदेशी जर्मप्लाज्म के क्रॉस से विकसित
- उत्पादन दक्षता: सामान्य किस्मों की तुलना में 30% अधिक
- CCSHAU रिपोर्ट: यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी अच्छा उत्पादन देती है।
किसानों का अनुभव
“हमने पिछले साल 1 एकड़ में ‘हिसार रसीली’ लगाई थी, और सामान्य गाजर की तुलना में करीब ₹35,000 अधिक कमाई हुई। इस बार पूरे खेत में यही गाजर उगाई है।”
– मनोज कुमार, किसान (करनाल, हरियाणा)
“मिठास के कारण इस गाजर को मंडी में प्रीमियम रेट मिलता है।”
– बिरेन्द्र सिंह, सब्जी व्यापारी (रोहतक)
FAQ: People Also Ask
Q1. ‘हिसार रसीली’ गाजर की सबसे बड़ी खासियत क्या है ?
Ans: इसका स्वाद, मिठास (TSS 10%), गहरा नारंगी रंग और तेजी से परिपक्वता इसे विशेष बनाते हैं।
Q2. क्या यह गाजर जैविक खेती में भी संभव है ?
Ans: हां, ‘हिसार रसीली’ जैविक खेती में भी बेहतरीन परिणाम देती है। इसके लिए गोबर खाद, जीवामृत जैसे विकल्पों का प्रयोग करें।
Q3. इसकी बीज कहां से खरीदें ?
Ans: बीज आप CCSHAU, हिसार से या उसके मान्यता प्राप्त बीज केंद्रों से प्राप्त कर सकते हैं।
Q4. क्या इसे व्यावसायिक स्केल पर उगाया जा सकता है ?
Ans: हां, यह प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और हाउसहोल्ड खपत दोनों के लिए उपयुक्त है।
निष्कर्ष
‘हिसार रसीली’ सिर्फ एक गाजर नहीं, यह किसानों की आर्थिक स्वतंत्रता की नई राह है। यदि आप भी किसान हैं, तो समय है इस बदलाव का हिस्सा बनने का। नई सोच, नई तकनीक और नई किस्में ही भारत के ग्रामीण जीवन को सशक्त बना सकती हैं। ‘हिसार रसीली’ हाइब्रिड गाजर सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि एक आर्थिक क्रांति है जो किसानों को कम लागत, उच्च लाभ और बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती है। यदि आप मौसमी सब्जियों में निवेश करना चाहते हैं, तो यह किस्म निश्चित रूप से एक फायदे का सौदा है।
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